विष्णु सरकार में पत्रकार भी असुरक्षित: बुधराम नेताम
पत्रकारों के खिलाफ कार्यवाही पर कांग्रेस का हमला, कहा – पुलिस पत्रकारों को फंसा रही साजिशन

कोंडागांव। कोंडागांव जिले के बड़े डोंगर साप्ताहिक बाजार में पुलिस द्वारा ग्रामीण के साथ मारपीट मामले में पत्रकारों पर की जा रही कार्रवाई को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बुधराम नेताम ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। नेताम ने कहा कि सुशासन के नाम पर सरकार में पत्रकारों तक को सुरक्षा नहीं मिल रही है, और मीडिया को ही आरोपी बनाकर सच्चाई को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
9 मई को बड़े डोंगर बाजार में पुलिस द्वारा एक ग्रामीण से की गई मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। इस वीडियो के आधार पर संबंधित सहायक उपपुलिस निरीक्षक को लाइन अटैच किया गया। नेताम ने कहा कि बाजार के बीचोबीच पुलिस का वर्दी का रौब दिखाना कानून और मानवाधिकार दोनों के खिलाफ है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि घटना के बाद पत्रकारों ने इस मामले को उजागर किया और 10 से 12 मई तक इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया। लेकिन अब पुलिस ने पत्रकारों को ही आरोपी बनाकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करना शुरू कर दिया है। पत्रकारों को थाने बुलाकर पूछताछ की जा रही है एफ आई आर दर्ज की जा रही है, जो पूरी तरह अनुचित और लोकतंत्र पर हमला है।
नेताम ने कहा कि यह स्थिति “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” की कहावत को चरितार्थ करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अब अपनी छवि बचाने के लिए पत्रकारों को फंसा रही है। “अगर मीडिया को ही सच दिखाने के लिए सजा दी जाएगी, तो यह कैसा सुशासन है?” – नेताम ने सवाल उठाया।
उन्होंने यह भी कहा कि रायपुर जैसे संवेदनशील इलाके में पत्रकारों को खुलेआम धमकियाँ मिलती हैं और बंदूकें लहराई जाती हैं, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। हाल ही में पत्रकारों को आधी रात मुख्यमंत्री आवास के सामने धरना देना पड़ा, तब जाकर कार्रवाई हुई।
बुधराम नेताम ने मांग की कि वायरल वीडियो की निष्पक्ष जांच हो, दोषी पुलिसकर्मी को निलंबित कर कानूनी कार्यवाही की जाए, और पत्रकारों के खिलाफ की जा रही साजिशन कार्रवाई तत्काल रोकी जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पत्रकारों को फंसाने की कोशिशें नहीं रुकीं, तो कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी।
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